Sher aur chugalkhor tota ki kahani: जंगल में एक शेर अपनी शेरनी के साथ बहुत प्यार से गुफा में रहता था। शेरनी को खुश करने के लिए शेर हमेशा उसकी की पसंद का शिकार कर ले जाकर उसको को गुफा में देता।
शेर, शेरनी को बहुत प्यार और खुश रखने की पुरी कोशिश करता रहता था, मगर वो शेरनी को खुश नही कर पाता। क्योंकि शेर, शेरनी को गुफा से बाहर अकेले जाने नहीं देता।
शेरनी, शेर की इस हरकत से काफी नाराज और उदास रहती थी। शेर यह बात जानता था कि शेरनी जंगल में अकेला घुमना चाहती है, और वह खुद शिकार करना चाहती है, पर शेर डरता था कि कहीं दूसरे जानवर शेरनी को चोट ना पहुंचा दे। इसी डर से वह शेरनी को गुफां में ही रहने को कहता था।
एक दिन शेर जब शिकार से लौटा तो उसने शेरनी को बहुत खुश देखा। वो गुफां के अंदर गाना गुनगुना रही थी। शेर को कुछ समझ नही आया। वह चुपचाप गुफा से बाहर निकल कर वही एक पेड़ की छांव में बैठ गया।
उसी पेड़ पर एक तोता बैठा था। तोता चापलूस टाइप का था। उसने शेर को उदास देखकर पूछा, क्या बात है राजा जी आप यूं परेशान क्यों है? क्या मै आपका इस परेशानी को दूर करने में कोई मदद कर सकता हूं।
शेर परेशान था, उसे कुछ समझ में नही आ रहा था तो उसने अपनी परेशानी तोते को बता दी। तोता उस पेड़ पर काफी साल से रहता था पर कभी भी शेर की गुफा में नहीं गया था। उसके जीवन की यह इच्छा थी कि वह शेर की गुफा में रहे। उससे अपनी यह इच्छा सफल होते नजर आ रही थी।
उसने तुरंत शेर से कहा आप परेशान ना हो। मैं आपकी गैर मौजूदगीं में शेरनी रानी पर पूरी नजर रखुंगा। आपको आंखों देखी पुरी कहानी बताउंगा। शेर भी तोते की बात मै आ जाता है। वह चुपचाप उसे गुफा के एक कोने में घोसला बनाने की इजाजत दे देता है।
तोता भी बड़ी शान से गुफा के अंदर जाता और बाहर आता, सारे पंछियों के बीच तोता यूँ दिखाता की मानों जंगल का राजा शेर नहीं वह खूद तोता हो। शेर जब शिकार पर जाता तो, शेरनी ने जंगल के कुछ जानवरों से दोस्ती कर ली थी। पर वह ये बात शेर को नही बताई ताकि शेर उसके दोस्तों को कोई नुकसान ना पहुंचाये।
पर जब शेर गुफा से बाहर शिकार को जाता तो शेरनी उसके पीछे से अपनी गुफां से आवाज देकर अपने दोस्तों को बुला लेती और शेर के किये शिकार को आपस में बाँट कर खाती पर शेर के आने से पहले उन्हें गुफा से वापस भेज देती। एक दिन शेर जब शिकार कर गुफा में लौटा तो देखा कि शेरनी ने शिकार किया जानवर को पुरा खत्म कर लिया है।
तभी वो तोते के पास जाकर पूछता है। क्या हुआ आज तो शेरनी ने मेरे पुरे शिकार किया भोजन अकेले ही खाया है। मेरे लिए भी नहीं रखा उसने कुछ भी। तोता बहुत ही चापलूस था और चुगल खोर भी उसने शेर को शेरनी की बाते बहुत ही चुगली कर बताई। राजा जी आप जिसे इतना चाहते है। वह आपकी जरा भी फिक्र नही करती तभी तो आपके किये शिकार को जंगल के दूसरे जानवरों के साथ मिल बाँट कर पार्टी करती है और आप जो इतनी मेहनत जान पर खेल कर उनके लिए स्वादिष्ट शिकार लाते हो आपके लिए नही रखती।
वह तो गुफा का मान ही नही रखा उन्होंने कि गुफा का मतलब होता है। राजा और रानी का महल और शेरनी उस महल में चुहे जैसे जानवरों को भी आने देती है। वह भी आपके पीछे बहुत गलत बात है। आपको इस रानी को सबक सीखना ही होगा नही तो जंगल के जानवर धीरे-धीरे इस गुफा पर कब्जा कर लेगें और इतिहास मैं जंगल का राजा का मतलब ही कहीं बदल ना जाए।
शेर ने गुस्से में तोते से पूछा? तुम कहना क्या चाहते हो? तोते ने कहा मैं कुछ नही कह रहा जंगल में जो सारे जानवर आप पर हसं रहे है कि आपकी रानी ने अपने दोस्तों के साथ रोज गुफा में पार्टी करती है।
शेर को शेरनी पर बहुत गुस्सा आता है। वह गुफा में जाते ही शेरनी पर हमला कर देता है। शेरनी अचानक शेर के किये हमले पर वही मर जाती है। शेर वही चुपचाप थोड़ी देर बैठा रहता है। शेरनी को मारने के बाद शेर गुफा से दौड़ता हुआ उंचे पहाड़ की चोटी पर चला जाता है और वह वहीं से कूद जाता है।
शेर आपनी शेरनी से बहुत प्यार करता है। तभी तो उसे मारने के बाद खूद भी मर जाता है। चुगली खोर तोता उस गुफा पर कब्जा कर लेता है और सब को शेर की कहानी सुना-सुना कर हंसता है। वह बोलता है कि ताकतवर जानवर और इंसान को मारना चाहते हो तो उसे ताकत से आप कभी नही हरा सकते हैं। उसे यह साबित कर दो की आप प्यार में हार चुकें हो, तो वह खूद ब खूद ही मर जाता है। ताकत और प्यार दोनों जानवर और इंसान की कमजोरी होती है।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दूसरे पर भरोसा कर आपने लोगों को नुकसान कभी भी नहीं पहुंचाना चाहिए नही तो आप गुस्से में लिया कदम से जिंदगी भर पछताने के अलावा कुछ नही कर पाओगे।
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