Hindi Kahani for Class 5 children’s | कक्षा 5 के बच्चों के लिए हिंदी कहानी

Hindi Kahani for Class 5: आज मैं 5वीं क्लास के बच्चों के लिए बेस्ट हिंदी कहानी शेयर करने जा रही हूँ। जिससे आपके बच्चों को न केवल प्रेरणा मिलेगी, बल्कि अच्छी आदतें सिखने में मदद मिलेगी। हमारी कोशिश होती है कि हम बच्चों को मनोरंजन के माध्यम से अच्छी आदतें सीखने की कोशिश करते हैं। जिससे एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके।

Hindi Kahani for class 5

आइये हम एक-एक कर कक्षा 5 के बच्चों के लिए हिंदी कहानी (Hindi Kahani for Class 5) पढ़ना शुरू करते हैं। अगर आपको एक भी कहानी अच्छी लगे तो कमेंट में लिखकर जरूर बताइयेगा।

बतख के बच्चे की कहानी | Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है। एक बहुत ही प्यारी बतख नदी के किनारे पांच बच्चों के साथ रहती थी। उसके पांच बच्चों में से एक बच्चा सभी बच्चों से देखने में बिल्कुल अलग था। चार बच्चें बतख की तरह ही सुदंर था, एक बच्चा बदसूरत दिखता था।

बदसूरत बच्चे को वह प्यार भी नही करती थी। वह बच्चा अपनी मां के पास जाता तो उसे वह अक्सर डांट-फटकार लगा देती थी।

बतख का बच्चा जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उसे मालूम हो गया। उसकी मां उससे प्यार नही बल्कि उससे घृणा करती है। यह बात उसे बर्दास्त ना हुआ। वह बिना किसी को बताए अपना घर छोड़कर निकल पड़ा।

लेकिन उसका जीवन मां के बिना आसान नहीं था। मौसम बदलता रहता था। उसे मौसम और शिकारियों से अपना बचाव करना पड़ता था।

कभी-कभी उसे भूखा भी रहना पड़ता। उसके मन में कभी-कभी यह विचार आता की वह वापस चला जाए। फिर वह सोचता की घर जाकर भी क्या करना मुझे? मां तो प्यार भी नही करती क्योंकि मैं उनलोगों की तरह नही दिखती।

एक दिन सैर करते समय बतख के बच्चे को एक नन्हा सा घर दिखाई दिया। बतख का बच्चा काफी थका हुआ था। इसलिए वह उस घर के दरवाजे पर सो गया।

जब उसकी आंख खुली, तो उसने देखा कि वह एक चटाई पर लेटा हुआ था। और उसने जब चारों ओर नजरे घुमाई तो वहां भोजन भी रखा हुआ था।

उसे लगा घर का मालिक कहीं उसे अपने पास तो नही रखना चाहता। यह सोच डर कर वह तुरंत वहां से निकल नदी पर वापस लौट आया।

उसे प्यास लग रही थी। जब वह पानी पीने के लिए नदी में झुका, तो उसे एक सुंदर सफेद पक्षी की परछाई दिखाई दी। वह बदसूरत का बच्चा अब एक सुंदर हंस में बदल गया था। वह यह देख बहुत प्रसन्न हुआ।

सारस और भेड़िया। कहानी लेखन कक्षा 5

एक बार एक भेड़िया आपने भोजन का आनंद ले रहा था। तभी उसके गले में एक हड्डी अटक गई। उसके गले में दर्द होने लगा, भेड़िया दर्द के कारण चिल्लाने लगा। उसने जंगल में रहने वाले अनेक जानवरों से मदद मांगी पर भेड़िये की मदद करने को कोई तैयार नही हुआ।

तभी उसकी चिल्लाने की आवाज सुन एक दयालु सारस उसके पास उसकी मदद करने को आया। भेड़िये ने सारस को कहा तुम अगर मेरी मदद करोगें तो मैं तुम्हें इनाम दूंगा।

सारस खुशी-खुशी उसकी मदद करने को राजी हो गया। सारस उसी वक्त अपने काम में जुट गया। उसने अपनी लम्बी और पतली चोंच उसके गले में डाली और भेड़िये के गले में अटकी हड्डी को निकाल दी।

भेड़िये को दर्द से राहत मिल गई। वह बहुत खुश हुआ। लेकिन जब सारस ने अपने इनाम मांगा तो भेड़िया सारस पर चिल्लाकर बोला, इनाम! कैसा इनाम?

भेड़िया हंस कर बोला, “क्या यह तुम्हारा इनाम नही की तुम मेरे मुंह में गए और जिंदा वापस आ गए। मैंन तुम्हारी जान नहीं ली, सारस यह सुनकर बहुत गुस्सा आया। वह उसे बुरा-भला कहने लगा और बोला कि दोबारा कभी भेड़िये की मदद नहीं करेगा।

लिली के फूल। Short Story in Hindi

सिंडी नामक लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उसे पानी में खिलने वाले लिली के फूल बहुत पसंद थे। वह उस फूल को अपनी सहेली को उपहार में देना चाहती थी। सिंडी के माता-पिता ने उसे समझाया वे फूल पानी में तैरते रहते है। तुम उन्हें कैसे पकड़ पाओगे?

हम तुम्हें बाजार से कोई उपहार ला देगें, तुम अपनी सहेली को दे देना। लेकिन सिंडी अपनी जिंद् पर अड़ी थी। उसने सोचा कि वह नदी के किनारे खड़ी होकर छड़ी की मदद से लिली के फूल तोड़ लेगी।

जब सिंडी नदी के किनारे लिली का फूल तोड़ने की कोशिश कर रही थी, तो अचानक उसका पैर फिसला और वह पानी में जा गिरी। ऐसे में सिंडी कीचड़ से लथपथ हो गई। उसे लिली का कोई फूल भी नहीं मिल पाया।

वह इसी दशा में अपने घर पहुंची। उसकी मां ने उसकी जिद्द के लिए उसे डांटा। उन्होंने कहा, “जब मैंने तुहें समझाया कि पानी में तैरने वाले फूल को तोड़ना मुश्किल होता है, तो तुमने हमारी बात क्यों नहीं मानी?”

सिंडी चुप खड़ी रही। उसे गर्म पानी से नहाना पड़ा। उसने सोचा, अगली बार मैं बटरकप या डेजी के कुछ फूल ही तोड़ लुंगी।

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