Hindi Kahani Book: आज हम स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियां लेकर आये हैं। जिसमें आपको अलग-अलग कहानियों को एक पेज पर संग्रहित करने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है जिसको पढ़ने से आपका न केवल मनोरंजन होगा बल्कि ज्ञानबर्धन भी होगा।
स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियां |
हम स्कूली बच्चों के लिए प्रेरणादायक नैतिक कहानियां में अलग-अलग तरह की कहानी पढ़ेंगे। जिसमें आपके लिए सबसे पहले घमंडी राजकुमार की कहानी पेश है। जिसको पढ़कर आपको कैसा लगा कमेंट में जरूर बताइयेगा।
घमंडी राजकुमार | छोटी कहानी with moral
किसी देश में एक राजकुमार रहता था। वह बहुत ही घमंडी था। वह दुनिया का सबसे ज्यादा ताकतवर व्यक्ति बनाना चाहता था।
एक दिन उसने अपने पड़ोसी देश पर रात के अंधेरे में हमला कर दिया। वह वहां के राजा को मार कर उस देश की प्रजा पर बहुत ही ज्यादा अत्याचार किया।
राजकुमार के अत्याचार और निर्दयता के किस्से सारी दुनिया में जल्द ही फैल गया।
राजकुमार ने यही नही बल्कि अपना एक संगमरमर का पुतला भी उस देश में बनवाई। पुतला बाजार के बीचों-बीच बनवाया और यह घोषणा करवाई की, हर इन्सान को इस मूर्ती के आगे सिर झुकाना होगा।
राजकुमार के डर से उस देश के सभी व्यक्ति ने उस की बात मान ली। लेकिन एक युवक राजकुमार से नही डरा। उसने मूर्ति के आगे सिर झुकाने से इन्कार कर दिया।
उस युवक ने राजकुमार से कहा हो सकता है कि तुम इस घरती के सबसे अधिक शक्तिशाली हो, लेकिन तुम भगवान नही हो, भगवान भी यह बात नही कहते कि तुम रोज मेरे आगे सर झुकाओ। भगवान ही सबसे बड़ी शक्ति है। इसलिए हम तुम्हारे आगे सिर नही झुकायेंगे।
युवक की बात सुनकर घमंडी राजकुमार ने फैसला किया वह भगवान को भी हरा देगा। उसने अपने मंत्री से कहा, एक ऐसा बड़ा सा जहाज बनाओ, जो आकाश में उड़ सके। उसमें हजारों खिड़कियां होनी चाहिए, ताकि उस खिड़कियों से गोलियां चलाई जा सके।
मंत्री ने राजकुमार के आदेश अनुसार जल्द ही बीस हवाई जहाज बनवा लिया। राजकुमार और उनके सैनिक हवाई जहाज में बैठ आकाश में उड़ने लगे। राजकुमार ने मंत्री से पूछा भगवान किस दिशा में होगा। मंत्री ने राजकुमार को जवाब दिया, राजकुमार मैं तो बस इतना जानता हुं, भगवान आसमान में रहते है।
राजकुमार ने कहा ठीक है तो हमें कहीं ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। हम महल के उपर से ही आकाश में गोलिया चलाएगें। राजकुमार के आदेश के अनुसार उनके सैनिक आकाश में गोलिया चलाने लगें।
जितनी भी गोलियां वो लेकर आकाश की ओर गए थे, जबतक वो सभी गोलियां खत्म नही हुई वो लगातार गोलियां चलाते रहे।
एक साथ इतनी गोलियों की बौछार से राजकुमार के राज्य के लोगों को नीचे गोलियां लग रहीं थी और चारों ओर लोग मर रहे थे। उनके राज्य के बाजारों में आग लग गई। आग उनके महल तक जा पहुंची सारा राज्य आग के लपेटे में आ गया।
हवाई जहाज में जब गोलिया खत्म हुई तो राजकुमार और उनके सिपाहीयों ने यह महसूस किया कि उनके जहाज में आग लगी हुई है।
जमीन पर आग की लौ इतनी तेज थी कि उनके जहाज के नीचे हिस्से में भी आग लग चूंकी थी। कुछ सिपाही अपनी जान बचाने के लिए जहाज से कूद रहे थे तो वह सीधा आग की लपटों में जा गिरें।
यह नजारा देख राजकुमार को अपनी गलती का एहसास हुआ मगर बहुत देर हो चूकीं थी। अपनी घमंड के कारण, उसने ना केवल अपनी जान बल्कि अपने पूरे राज्य को ही खत्म कर डाला।
स्वर्ग की धरती। छोटी सी कहानी बच्चों के लिए
किसी देश के राजकुमार ने स्वर्ग की धरती के बारे में किताबों में पढ़ा था। राजकुमार की उम्र लगभग बारह वर्ष होगी । वह उस स्वर्ग की धरती के बारे अपने माता-पिता को हमेशा सुना करते थे।
वहां बहुत सुंदर बाग थे। उस बाग में बहुत सुदंर फूल खिलते थे, वहां के फल बहुत मिठे होते है, वहां रंग-बिरंगी तितलियां हुआ करती है, वहां प्यारी-प्यारी और सुरीली पंछी गाया करते थे। यह सब पढ़ कर राजकुमार उस स्वर्ग की देखने के लिए मन ही मन बना लिए थे।
रानी ने राजकुमार को कहा था। आप अभी छोटे है, जब बड़े हो जाएगें तो आप उस जगह को खुद सिपाहियों के साथ ढूंढने जाना।
राजकुमार मां की बातों से संतुष्ठ तो हो गए थे, पर वह यह कहानी हमेशा अपने मित्र के बोला करते थे कि उन्हें स्वर्ग की धरती को देखने जाना है।
राजकुमार रोज शाम को जंगल में टहलने जाया करते थे। एक शाम राजकुमार जंगल की सैर करके वापस लौट रहा था। अंधेरा हो गया था और तेज आंधी चल रही थी। आंधी से बचने के लिए राजकुमार एक चट्टान के पीछे बैठ गया।
राजकुमार जब आसपास नजर दौड़ाई तो उसे कुछ दूरी पर एक गुफा में आग जलती नजर आई। वह उठा और उस गुफा की ओर चला गया।
वहां आग के पास एक बूढ़ी औरत वहां बैठी थी। राजकुमार को देखते ही वह बोली। जब मेरे बेटे घर आते है, तो तेज हवा चलने लगती है। वे लोग स्वर्ग की धरती के चार पवन हैं, यह पवन गुफा हैं।
शीध्र ही गुफा में उत्तर पवन ने प्रवेश किया और कहा, मां मैं पूरे एक महने बाद ध्रुव प्रदेश में था। उस जगह बहुत सुंदर जानवर पाए जाते है।
तभी पश्चिम पवन ने गुफा के भीतर आते हुए कहा, मां मैं जंगलों से होकर आ रहा हूं। मैंने वहां तूफानी हवा चलाई और बतखों को पानी में भेज दिया।
कुछ देर बाद दक्षिण पवन ने आकर बोला मां, मैं अफ्रिका चला गया था। वहां जाकर मैंने बहुत मस्ति की।
अंत में पूर्व पवन आया और बोला, मां मैं चीन देश से आ रहा हूं।
बूढ़ी औरत ने पूर्व पवन को कहा, “आज तुम स्वर्ग की धरती पर जा रहे हो, वहां तुम झरने का पानी जरूर पीना।
यह सुनकर राजकुमार ने पूर्व पवन से आग्रह किया, क्या मैं भी तुम्हारे साथ स्वर्ग की धरती पर जा सकता हूं?
पूर्व पवन ने भी हामी भर दी, उसने कहा ठीक है राजकुमार, मैं तुम्हें अपने साथ ले चलूंगा।
राजकुमार को पूर्व अपने साथ ले गया। राजकुमार बिना किसी को बताए ही उसके साथ दूसरे देश चला गया।
वो लोग एक ठग थे, जो गांव-गांव शहर-शहर जाते और बच्चों को अगवा कर उसे जमींदार और बाजार के दूकानों पर बेच देते थे।
राजकुमार को भी किसी जमींदार के यहां बगीचे का काम संभालने के लिए उसे पवन ने बेच दिया था। राजकुमार बगीचे में पहुंचकर वहां के सुदंर-सुंदर फूल को देखकर बहुत खुश हुआ।
बगीचे में खेलने लगा और जब भूख लग लाती तो वह बगीचे से फल तोड़कर खा लेता।
पवन जब वहां से जाने लगा तो राजकुमार ने उसे भी वहां रूकने के लिए बोले। पवन ने राजकुमार को बोला, मुझें मां ने जो काम दिया है वह भी खत्म करना है और वापसी में तुम्हें अपने साथ लेता चलूंगा। जब तुम्हें मन ना लगें तो बगीचे में पेड़ों को भी पानी दे देता रहना।
यह बोल पवन चालाकी से वहां से निकल गया। कुछ दिनों के बाद पवन वापस नही आया। राजकुमार को अपनी मां और पिता की याद कर रोता रहा।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बच्चों को अपनी मां और पापा की बात हमेशा माननी चाहिए, किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बिना पूछे अकेले कही नही जाना चाहिए।
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