Baccho ki Kahani Hindi Mein | बच्चों की कहानी हिंदी | छोटे बच्चों की कहानी

हिंदी कहानी पढ़ना किसको अच्छा नहीं लगता? हम तो आज भी कहानी पढ़कर प्रेरणा लेते और जीवन में आई कठिनाई को दूर करने को कोशिश करते। ऐसे में बच्चों को भी कहानियों के माध्यम से अच्छी आदतें और उन्हें बेहतर इंसान बनाया जा सकता हैं। जिससे वो हंसते खेलते सिखाते हैं और प्रेरणा लेते हैं। आज इसी क्रम को जारी रखते हुए आइये पढ़ते हैं – बच्चों की कहानी हिंदी (Baccho ki Kahani Hindi Mein)।

Baccho ki Kahani Hindi Mein | बच्चों की कहानी हिंदी

एक समय की बात है। एक नौजवान सिपाही अपने देश लिए दुश्मनों से युद्ध कर घर वापस आ रहा था। तभी रास्ते में उसकी भेंट एक बूढ़ी औरत से हुई। वह उससे मदद लेना चाहती थी।

वह बूढ़ी औरत वास्तव में एक जादूगरनी थी। उसने नौजवान सिपाही से कहा, दस खोखले वृक्ष के तने के नीचे एक बड़ी-सी गुफा है। उसमें एक दियासलाई बाॅक्स और खजाना रखा है। तुम उस दियासलाई बाॅक्स को लाकर मुझे दे दो और सारा खजाना तुम ले लो।

उस बूढ़ी जादूगरनी ने आगे बताया, जब तुम गुफा में पहुंचोगे, तो तुम्हें दो दरवाजे दिखाई देंगे। एक दरवाजा बड़ा और दूसरा दरवाजा छोटा होगा। छोटे दरवाजे के पीछे प्यालों जैसी आंखों वाला एक बड़ा-सा कुत्ता होगा। वह दियासलाई बाॅक्स की रखवाली करता है। बड़े दरवाजे के पीछे तश्तरी जैसी आंखों वाला एक बड़ा कुत्ता होगा, जो खजाने की रक्षा करता है।

वह जादूगरनी नौजवान सिपाही को सारी बातें बताई जा रही थी। वह नौजवान भी उस बूढ़ी औरत की बातों को ध्यान से सुन रहा था। तुम उन कुत्तों पर तुम मेरा चादर डाल देना वह तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। फिर तुम अपनी इच्छा अनुसार खजाना ले लेना और मेरे लिए दियासलाई बाॅक्स ले आना।

उसके बाद बूढ़ी जादूगरनी ने अपना नीला चादर दे दिया और वह खोखले वृक्ष के तने में उतर गया।
नौजवान सिपाही ने ठीक वैसा ही किया, जैसा वह बूढ़ी जादूगरनी ने उससे कहा था। नौजवान सिपाही जब खजाने के दरवाजे के अंदर गया। वहां उतना खजाना देख दंग रह गया। नौजवान सिपाही की जेब में जितना खजाना भर सकता था उसने भर लिया। उसके बाद दियासलाई बाॅक्स लेकर ऊपर आ गया। बूढ़ी जादूगरनी नौजवान सिपाही से दियासलाई बाॅक्स लेकर उसे उसी गुफा में फेकना चाहती थी।

यह देख कर नौजवान सिपाही ने उस बूढ़ी औरत से डटकर मुकाबला किया और उस बूढ़ी औरत को मौत के घाट उतार दिया। उसने खजाने से बहुत सारी चीजें खरीदीं और आराम से रहने लगा।

एक दिन वह नौजवान सिपाही दियासलाई बाॅक्स खोला, तो उसमें उसे एक छोटी सी माचिस की डिबिया दिखाई दी। जैसे ही उसने माचिस की तीली जलाई, वैसे ही उसके पास दो कुत्ते प्रकट हुए और बोले, मालिक हम आपकी क्या सेवा कर सकते हैं?

नौजवान सिपाही उस देश की राजकुमारी से विवाह करना चाहता था, अतः उसने कुत्तों से कहा, राजकुमारी को यहां ले आओ। बड़ा कुत्ता फौरन राजकुमारी को उठाकर उस नौजवान के पास ले आया। राजकुमारी उस कुत्ते के पीठ पर सोती हुई नौजवान से मिलने आई थी। उस नौजवान ने कहा वह उस राजकुमारी से शादी करना चाहता है। उसके बाद नौजवान ने राजकुमारी को वापस महल भेज दिया।

अगली सुबह जब राजकुमारी जगी तो उन्हें लगा वह रात को कोई सपना देख रही थी। राजकुमारी ने यह बात अपनी मां को बताई। रानी को इस बात की चिंता होने लगी। रात्रिकाल को जब राजकुमारी सानेे लगी, तो रानी ने आटे की एक थैली उस की कमर में बांध दी। उस थैले में रानी ने एक छोटी सी छेद भी कर दिया।

राजकुमारी से नौजवान आज भी रात को मिलना चाहता था। जब कुत्ता राजकुमारी को अपने साथ नौजवान के घर ले गया तो महल से उस नौजवान के घर जाने के रास्ते पर आटे से निशान बन गए। और वह नौजवान पकड़ गया।

राजा ने उस नौजवान सिपाही को तहखाने में डाल दिया। भाग्यवश दियासलाई की डिबिया नौजवान के जेब में ही थी। उसने तहखाने में माचिस जलाई तो कुत्ते को प्रकट हो गए। सभी लोग कुत्ते को देखकर डर गए। नौजवान सिपाही को राजा के सामने प्रकट किया गया। तो राजकुमारी अपने सपने वाले नौजवान को देखकर पहचान लिया।

राजकुमारी ने नौजवान को छोड़ देने की विनती अपने पिता से की और साथ उससे शादी करने की इच्छा बताई। राजा ने अपनी राजकुमारी की इच्छा पूरी करने के लिए उस नौजवान को माफ कर दोनों की शादी करवा दी।

छोटे बच्चों की कहानी | राजकुमारी और सेब

किसी देश के राजा की एक बेटी थी। सब लोग उससे बहुत प्यार करते थे। राजकुमारी को स्टीफेन के नाम से पुकारा करते थे। वह लम्बे समय से बीमार थी। अंत में शाही हकीम ने राजा से कहा कि राजकुमारी स्टीफेन एक खास तरह के सेब खाने से ठीक हो सकते है।

राजा ने अपने राज्य में घोषणा करवा दी, जो भी आदमी वह खास सेब लेकर आएगा और राजकुमारी वह सेब खाकर ठीक हो जाएगी, उसके साथ राजकुमारी का विवाह कर दिया जाएगा।

बहुत से लोग अपने बाग से सेब लेकर गए, लेकिन उन्हें खाने से राजकुमारी स्टीफेन की बीमारी ठीक नही हुई।
उसी देश के किसी गांव में दो भाई रहते थे। टाॅम बड़ा भाई का नाम था और छोटे भाई का नाम हैंस था।

उसने सोचा वह अपने सेबों के बाग से राजकुमारी के लिए सेब लेकर जाएगा। जब वह राजकुमारी के लिए सेब लेकर जा रहा था। तो उसे रास्ते में एक बूढ़ा व्यक्ति मिला उसने टाॅम से पूछा तुम्हारे टोकरी में क्या है?

टाॅम ने गुस्से में बोला इस टोकरी में मेढ़क की टांगे है। उस व्यक्ति ने कहा ऐसा ही हो। टाॅम जब महल पहुंच कर अपनी टोकरी खोली तो उसमें मेढ़क की टांगे थी। राजा गुस्से में आकर टाॅम को महल से बाहर फिकवा दिया।

टाॅम का छोटा भाई बहुत नेक और ईमानदार युवक था। काफी दिनों बाद भी जब टाॅम घर वापस नही आया तो हैंस को बड़े भाई की चिंता होने लगी।

हैंस ने सोचा कल भाई की तलाश में मुझें पहले महल ही जाना चाहिए। वह भी महल सेब लेकर जाने के लिए सोचा।
रास्ते में हैंस को भी वह बूढ़ा आदमी मिला। उसने हैंस से भी वही सवाल किये तुम्हारी टोकरी में क्या है?

हैंस ने बहुत ही विनम्रता से उत्तर दिया। इस टोकरी में सेब है। मैं उम्मीद करता हूं इसे खाने के बाद राजकुमारी का रोग ठीक हो जाएगा। उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा ऐसा ही हो।

हैंस जब महल में पहुंचा तो राजा को उसने सेब की टोकरी दी। राजकुमारी उस सेब में खाकर तुरंत ठीक हो गयी। हैंस ने अपने बड़े भाई के बारे जानने की इच्छा महल में बताया राजा ने कहा वह व्यक्ति मेढ़क की टांगें टोकरी में डाल कर लाया था। मैं सिपाहियों को भेज कर तुम्हारे भाई को अवश्य ला दूंगा। थोड़ी देर बाद महल के सिपाहीयों के साथ टाॅम वापस लौट आया।
राजा ने हैंस और राजकुमारी का विवाह करवा दी।

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