प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250 शब्दों | Pradushan Par Nibandh in Hindi

Pradushan Par Nibandh in Hindi: आज मानव और जन्तु के जीवन में प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या है। प्रदूषण की समस्या हमारे पर्यावरण में मुख्य रूप से तीन प्रकार फ़ैल रही है-

1. जल प्रदूषण – जल प्रदूषण भारत में व्याप्त सबसे बड़े संकट में से एक है। जल प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिस पर अगर समय रहते रोकथाम नहीं की गई तो आने वाले समय में विकराल रूप ले लेगा। आज कल-कारखानों से निकलने वाले औद्योगिक कचरा नदियों और सागरों के हवाले कर दिया जाता है। जो कि जल प्रदूषण का मुख्य वजह है।

हम घर में जो भी लोग पूजा-पाठ में चीजें इस्तमाल करते है। पूजा करने के बाद उसे भी नदियों तथा समुद्र में डाल कर बिना कुछ सोचे समझें जल प्रदूषण करने में भागीदारी निभाते हैं। जिसका नतिजा होता है कि नदियों का पानी पीने के काबिल नहीं रह जाता। इस पानी से अगर फसलों की सिंचाई होती है तो वह खाद्य-प्रदार्थों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना देते है।

जल प्रदूषण से जल में रहने वाले जीवों का जीवन भी संकट में पड़ जाता है। मछलियां भी इस जल में रह कर मनुष्य के खाने योग्य नही रहती। इन मछलियों के खाने से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।

2. वायु प्रदूषण -कल-कारखानों की चिमनियों तथा मोटर गाड़ियों गाड़ीयों से नीकलने वाले धुआँ वायु-प्रदूषण का कारण बनता है। इसकी अपनी हानियाँ हैं। एक तो धुएँ में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, कार्बन-मोनो-ऑक्साइड, सल्फर तथा लीड जैसे हानिकारक तत्व हवा में धुलकर हवा को दूषित कर देते है।
जिससे हमारे श्वसन के द्वारा प्रदूषण हमें अपनी चपेट में ले लेता है और श्वसन-तंत्र के रोग हमें परेशान करने लगते है।

दूषित वायु बारिश के पानी में घुलकर फसलों और वनस्पतियों को भी नुकसान पहुँचाते है। यही नहीं बल्कि मिट्टी की उर्वरता समाप्त कर जमीन को बंजर बना डालते हैं।

3. ध्वनि प्रदूषण-वायुयान, कल-कारखाने, मोटर-गाड़ियां, गाड़ियों के हाॅर्न तथा ध्वनिविस्तारक यंत्रों आदि रोग हो जाते है। कैंसर, ब्रांकाइटिस तथा दिल के खतरनाक रोगों का कारण बनने वाले प्रदूषण के खिलाफ संर्पूण विश्व-समुदाय को एकजुट होकर संधर्ष करना चाहिए।

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