Moral Stories in Hindi | मोरल स्टोरीज इन हिंदी

बच्चों का कहानियों के साथ गजब का नाता है। उनको बहुत कुछ अच्छी आदतें हम कहानियों के माध्यम से सीखा सकते हैं, जो उनके असल जिंदगी में बहुत काम आती है। यही नहीं बल्कि एक अच्छी कहानी बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की सीढ़ी की तरह होती है। हम तो आपको सलाह देंगे कि बच्चों को टीवी मोबाइल से दूर रखें और खुद से (Moral Stories in Hindi) मोरल स्टोरीज इन हिंदी की कहानी सुनने की आदत डालें। जिससे वो कहानी के माध्यम से बहुत कुछ सिख सकते हैं।

Moral Stories in Hindi | मोरल स्टोरीज इन हिंदी

हम आज आपके लिए कुछ Moral Stories in Hindi लेकर आये हैं। जिसको आइये एक-एक कर पढ़ते हैं-

चिंतु और बेरवाला।

चिंतु बहुत चतुर और निडर लड़का था। वह करीब 8 साल का था। एक बार चिंतु अपने घर के आंगन में खेल रहा था तो उसके कानों में एक फेरीवाले की आवाज सुनाई देती है। बेर लेलो! बेर लेलो मिठे ताजे स्वादिष्ट बेर ले लो।

चिंतु अपनी मां के पास दौड़ता जाता है और बेर खाने की जिद्द करने लगता है चिंतु की मां उसे थोड़े पैसे दे देती है।

चिंतु पैसे लेकर घर के बाहर आ जाता है। उसने बेरवाले से बेर खरीदे। बेरवाले ने उसे वजन में कम बेर दिए। चिंतु बेरवाले की चालाकी देख रहा था। उसने तुरंत बेरवाले से पूछा, तुम मुझे कम बेर क्यों दे रहे हो?

बेरवाले ने मक्कारी से कहा- तुम्हें ले जाने में आसानी हो, इसलिए।

चिंतु ने झटपट कुछ पैसे बेरवाले के हाथों में रख कर जल्दी-जल्दी जाने लगा।

बेरवाले ने पैसे गिने। पैसे कम पाकर, उसने चिंतु को वापस बुलाकर कहा, तुमने मुझे कम पैसे क्यों दिए? चिंतु ने फौरन कहा, इसलिए कि तुम्हें गिनने में आसानी हो। इस तरह का जवाब सुनकर बेर वाला का मुंह देखने लायक था। उसको अपनी गलती पर पछतावा हुआ।

चूहा और बैल। मोरल स्टोरीज इन हिंदी

एक नन्हा-सा चूहा था। वह अपने बिल से बाहर आया। उसने देखा कि एक बड़ा बैल पेड़ की छाया में सोया हुआ हैं। बैल जोर-जोर से खर्राटें भर रहा था।

चूहा बैल की खर्राटे से परेशान था उसने बैल की नाक को काट लिया।

बैल हर बरा कर जग गया और दर्द के मारे वह ईधर-उधर देखने लगा। चूहा बैल को ऐसे देख कर वहा से सरपट भागा।

बैल चूहे को भागता हुआ देख लेता है, वह पूरी ताकत से चूहे का पीछा करता है, पर चूहा एक दीवार के छेद में घुस कर अपनी जान बचा लेता है। अब वह बैल की पहुंच से बाहर था।

पर बैल ने चूहे को सजा देने की मन में ठान ली थी। उसने गुस्से से चिल्ला कर कहा, नालायक! मैं तुझे एक सोते हुए ताकतवर बैल को परेशान करने की सजा देकर ही रहुंगा।

बैल ताकतवर था उसने अपने सिर से दीवार पर जोर से धक्का मारा। पर दीवार भी बहुत मजबूत थी। उस दिवार पर कोई असर नही हुआ। बल्कि बैल के सिर में ही चोट लग जाती हैं।

यह देखकर चूहा ने बैल को चिढ़ाते हुए कहा, अरे मुर्ख, बिना मतलब अपना सिर क्यों फोड़ रहा हैं? तू कितना ही बलवान क्यों ना हो, पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती।

बैल घायल होने के बाद भी चूहे को बिना दंड दिए छोड़ने को तैयार नहीं था। चूहे जैसे एक तुच्छ प्राणी ने उसका अपमान जो कर दिया था।
बैल इस समय बहुत क्रोध में था, पर धीरे-धीरे बैल का जोश कम हो जाता हैं।

उसे चूहे की बात में सच्चाई लगती है, इसलिए वह चुपचाप वहां से चला गया।

चूहे के ये शब्द अभी भी उसके कानों में गूंज रहे थे- तू कितना ही बलवान क्यों न हो, पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती।

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