Majedar Kahaniya in Hindi | मजेदार कहानियां इन हिंदी

क्या आप मजेदार कहानियां इन हिंदी (Majedar Kahaniya) पढ़ना चाहते हैं? आज आपके लिए हम कुछ अच्छी कहानियों का संग्रह लेकर आये हैं। जिससे न केवल हँसते खेलते बच्चों को कुछ सिखने का मौका मिलेगा बल्कि उनका बौद्धिक विकास भी होगा।

Majedar Kahaniya in Hindi

अपने बच्चे को खुलकर हंसने का मौका दें और उनको हमारी निम्नलिखित मजेदार कहानियां पढ़कर सुनाये। इन मोटिवेशनल कहानियों से न केवल उनका मानसिक विकास होगा बल्कि उनको हँसते खेलते कुछ नया सीखने का मौका भी मिलेगा।

जैक और सेम की बेल | मजेदार कहानियां इन हिंदी

बहुत समय पहले की बात है। जैक नाम का एक लड़का अपनी मां के साथ रहता था। वे बहुत गरीब थे। जैक के पास एक गाय थी। जैक की मां उस गाय के दूध को बेच कर अपना घर चलाया करती थी।

कुछ समय बाद गाय भी दूध देना धीरे-धीरे कम कर देती है। जैक की मां ने सोचा अगर गाय बिल्कुल ही दूध देना बंद कर देगी इससे पहले क्यों ना इसे बेच दिया जाए।

जैक की मां ने जैक को कहा तुम बाजार जाकर गाय को बेच दो। जैक गाय को तुरंत अपने साथ लेकर बाजार की ओर चल पड़ा। रास्ते में उसे एक जादूगर मिला। जादूगर ने पूछा तुम कहां जा रहा हो?

जैक ने जवाब दिया कि वह इस गाय को बेचने बाजार जा रहा है। जादूगर ने कहा यह गाय मुझे देदो। गाय के बदले मैं तुम्हे कुछ रंगीन बीज दे देता हूँ। जैक जादूगर से बीज लेकर वापस घर आ गया।

जैक ने अपनी मां को सारी बाते बताई। लेकिन मां को जैक की यह बात बिल्कुल ही अच्छी नही लगी। वह नाराज हो कर सारी बीज को घर के आंगन में फेंक देती है। मां अकेले में बड़बड़ाने लगती है। मेरी गाय भी नही रही और ना ही यह कुछ पैसे लाया। अब घर का गुजारा कैसे होगा?

अगले दिन जिस जगह मां ने बीज फेंका था। जैक को सुबह उस जगह सेम की एक बड़ी बेल दिखाई दी। वह बेल इतनी लम्बी थी कि वह मानो बादलों तक जा रही हो।

जैक उसे देख कुछ सोचने लगा की और अचानक जल्दी-जल्दी उस बेल पर चढ़ा और एक अजीब जगह जा पहुंचा।
जैक इधर-उधर नजर दौड़ाई, तो उसे वहां एक बड़ा-सा महल दिखाई दिया। महल के बाहर एक राक्षसी उस महल के दरवाजे पर खड़ी थी।

जैक उस राक्षसी के पास गया और उससे बोला, मुझे बहुत भूख लगी है। क्या आप मुझे कुछ खाने के लिए दे सकती है?
राक्षसी को जैक पर दया आ गई। वह बोली, हां-हां क्यों नहीं, मेरे साथ आओ।

फिर उसे वह महल के अंदर ले गई और खाने-पीने की बहुत चीजें दीं। जैक पकवान देख खाने लगा, जैक ने राक्षसी से बोला क्या मैं इन पकवान को थोड़ा अपने साथ अपनी मां के लिए ले जा सकता हूं।

राक्षसी ने जैक से बोला, “क्यों नहीं पर तुम यहां कैसे आए। यह बता सकते हो क्या”?

जैक ने सारी बाते राक्षसी को बतादी। राक्षसी ने जैक को घर जाते वक्त पकवान के साथ-साथ एक मुर्गी देती है और जैक को कहती है। जैक तुम अपने घर जाकर उस बेल को काट देना जो इस महल तक आती है।

जैक बड़ी हैरानी से उस मुर्गी को देख पूछता है। यह मुर्गी क्यों दे रही हो। आप राक्षसी ने जैक को कहा की तुम यह मुर्गी अपने साथ ले जाओ। यह हर रोज एक सोने का अण्डा देती है। तुम उस अण्डे को बाजार मै बेच कर अपना जीवन आराम से बिता सकते हो।

जैक की मां जैक को पूरे गांव में ढूंढ-ढूंढ कर परेशान हो जाती है। जैक इतनी सुबह-सुबह कहां चला गया?
तभी जैक मां को ढूंढने घर से बाहर आता है और मां को देख मुस्कुराने लगता है। मां जैक से पूछती है, “बेटा तुम कहां चले गए थे”?

जैक मां को आपने साथ घर के अंदर ले जाकर उसे वह मुर्गी दे देता है और सारी बाते बता देता है। मां जैक की बात को आश्चर्य होकर सुनती है और अगली सुबह मुर्गी ने सचमुच सोने का एक अण्डा दिया। अण्डे को देखते ही मां घर के आंगन में एक कुल्हाड़ी लेकर जाती है और बेल को काट देती है।

जैक और उसकी मां बड़े मजे से अपना जीवन बिताने लगे।

Read Also:

 

मददगार हैरी | मजेदार स्टोरी इन हिंदी

किसी शहर में एक व्यापारी रहता था। वह बहुत धनी था। व्यापारी के पास सुख-सुविधा का सारा सामान था।
व्यापारी एक अच्छा इन्सान था। वह बहुत दयालु और मददगार था। व्यापारी अपने यहां काम करने वाले नौकरों के साथ भी अच्छा व्यवाहर करता था।
सभी लोग उसके इस स्वभाव के कारण उससे बहुत प्यार करते थे। एक दिन वह व्यापार कर दूसरे शहर से जब लौट रहा था तो उसकी आंखो में एक कीड़ा चला जाता है। व्यापारी को धीरे-धीरे दिखना बंद हो जाता है।

व्यापारी किसी तरह अपने घर लौट पाता है। शहर का कोई भी डाक्टर उस व्यापारी की आंख ठीक नहीं कर पाता है। ऐसे मैं वह दुःखी होने लगता है और वह चिड़चिड़ा होने लगता है।

व्यापारी ने एक दिन अपने नौकर को अखबार में एक इश्तिहार छपवाने के लिए कहता है और पूरे शहर में घोषणा भी करवाने को बोलता है। जो भी उसकी आंखे ठीक करेगा उसे वह मुंह मांगा ईनाम दिया जाएगा।

उसी शहर में हैरी नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह सब्जी बेचता था। उसे एक जादूई जड़ी के बारे जानकारी थी। दो तने वाला पाइन वृक्ष की जड़े जिससे व्यापारी की आंख ठीक हो सकती थी।

अगले ही दिन वह उस जड़ी की तलाश में जंगल चला गया। हैरी जंगल में इघर-उघर भटकता फिर रहा था उस जड़ी की तलाश में अचानक हैरी की नजर एक चीटियों की लम्बी कतार पर पड़ती है। वह अपने साथ दाना लेकर जा रहे थे। दाना उनसे गिर जाता था। जमीन पर वह फिर उसे उठा आगे बढ़ते जा रहे थे।

हैरी जड़ को ढूंढते-ढूंढते हताश हो गया था और वह जंगल सेे वापस आने को सोचने लगता है। तभी उसे चिटियों की कतार याद आती है। हैरी मन में फिर से जोश से भर जंगल में और आगे बढ़ता है। आगे थोड़ा चलने के बाद उसकी नजर उस दो तनों वाला पाइन वृक्ष पर पड़ती है।

हैरी के खुशी का ठिकाना नही रहता। वह जल्दी-जल्दी उस वृक्ष की जड़ों के पास खुदाई कर थोड़ा सा जड़ निकाल आपने साथ ले शहर को लौट जाता है।

हैरी रात भर उस जड़ को मिट्टी के बरतन में पानी में भीगो कर रख देता है और अगली सुबह व्यापारी के घर उस पानी को लेकर पहुंच जाता है।

हैरी व्यापारी को उस पानी को अपनी आंखों में डालने के लिए कहता है। सारे नौकर उसे आश्चर्य होकर देखते है। हैरी दुबारा व्यापारी से उस पानी को आंखों में डालने को कहता है। व्यापारी हैरी को कहता है। भाई तुम जो भी हो, तुम खूद ही मेरी आंखों में अपनी लाई दवा डाल दो, मै तो अपने जीवन से तंग आ गया हूं।

हैरी व्यापारी को घबराने के लिए नहीं बोलता और उसकी आंखों में पानी की दो-दो बूंद डाल देता है। व्यापारी की आंखों में पानी डालते ही उसे ठण्डा-ठण्डा लगता है और आंखों से जलन गायब हो जाती है। उसको कुछ ही देर मै उसे सबकुछ दिखने लगता है।

व्यापारी का खुशी का ठिकाना नहीं रहता। उसने हैरी को काफी इनाम दिया। इनाम पाकर हैरी खुशी-खुशी अपने घर लौट जाता है।

यह भी पढ़ें-

Spread the love

हम लाते हैं मजदूरों से जुड़ी खबर और अहम जानकारियां? - WorkerVoice.in 

Leave a Comment

error: Content is protected !!