हम हिंदी कहानी के माध्यम से बच्चों को अच्छी आदतें सीखा सकते हैं। हिंदी कहानी से न केवल उनका मनोरंजन होगा बल्कि उनके जीवन में आने वाले समय में विकट परिस्थितियों से लड़ने में भी काम आयेगा। आज हम यहां नर्सरी कक्षा के लिए बेस्ट हिंदी कहानी (Hindi Kahani for Nursery Class) शेयर करने जा रहे हैं। जिसको आप पैरेंट पढ़कर सुना सकते हैं. यह आपके बच्चों के लिए काफी उपयोगी होगा।
Hindi Kahani for Nursery Class
हमारी नर्सरी कक्षा के लिए बेस्ट हिंदी कहानी पेश है। जिसको आप अपने बच्चों को पढ़ाने से साथ दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों के साथ साझा कर सकते हैं-
जादुई चिराग | Short Stories for kids in hindi
एक अलादीन नाम का गरीब लड़का अपनी मां के साथ रहता था। एक दिन अलादीन के घर एक आदमी आया।
उसने अलादीन की मां को कहा वह अलादीन का चाचा है। वह अलादीन को अपने साथ ले जाना चाहता है। वह उसे अपने कारोबार में उसके पिता का हिस्सा देना चाहता है।
अलादीन की मां खुश हुई पर वह उदास थी क्योंकि अलादीन उससे दूर जा रहा था। वह आदमी ने उसकी मां को कुछ चांदी की असरफिया देकर कहा आप अपना जीवन कुछ दिन इसके सहारे गुजरो उसके बाद अलादीन सोने के असर्फीयां लेकर उसके पास हमेशा के लिए लौट आएगा।
अलादीन की मां उसे उस व्यक्ति के साथ खुशी-खुशी विदा कर देती है। वह आदमी अलादीन का चाचा नही बल्कि एक दुष्ट जादूगर था।
वह अलादीन को रेगिस्तान में बनी एक गुफा के पास ले गया। उसके बाद उसने अलादीन से कहा- गुफा के अंदर जाकर तेल का चिराग ले आओ। वह मुझे चाहिए। जब अलादीन गुफा में गया, तो उसे वहां चारो ओर सुंदर-सुंदर चीजें दिखाई दीं। उसे देख अलादीन बहुत प्रसन्न हुआ।
अलादीन इघर-उधर घुमकर तेल का चिराग ढुढ़ने लगा। उसे चिराग मिल गया।
अलादीन उसे लेकर जब बाहर आया तो उस व्यक्ति ने कहा इसे मुझे दे दो। अलादीन चतुर था। उसने कहा पहले मुझे इस जगह के बारे में बताओ कि यह कौन सी जगह हैं और तुम इस चिराग से क्या करोगें?
जादुगर को अलादीन की बात सुनकर बहुत गुस्सा आया, वह अलादीन को वही छोड़कर अपने जादुई मंत्र से वहां से यह सोचकर चला गया कि चारो ओर रेगिस्तान है। यह भूख और प्यास के मारे कुछ ही दिन में मर जाएगा। जिसके बाद मैं यहां आकर इस चिराग को अपने साथ ले जाउंगा।
अलादीन जादुगर के गायब होते ही डर गया। गलती से उसने उस चिराग को रगड़ दिया।
अचानक उसके सामने एक जिन्न प्रेकट हो गया। उसने अलादीन को कहा मालिक मैं आपके लिए क्या कर सकता हुं? अलादीन हैरान हो गया। उसने कहा मुझे मेरे घर मेरी मां के पास ले चलो।
जिन्न अलादीन को उसकी मां के पास ले गया। इस प्रकार अलादीन को जो भी इच्छा होती वह उससे मांग लेता। इस प्रकार वह शीघ्र ही बहुत अमीर आदमी हो गया।
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सोई हुई राजकुमारी | Hindi Kahani with Moral
बहुत समय पहले की बात है- एक राजा रानी के घर सुंदर सी बेटी का जन्म हुआ। राजा ने बहुत बड़ी दावत का आयोजन करवाया। राजा ने बारह परियों को भी उस दावत में बुलाया। ताकि वह अपनी बेटी को उन से भी आर्शीवाद दिला सकें।
लेकिन राजा तेरहवीं परी को बुलाना भूल गया। उस परी को यह अपमानजनक लगा। परी राजा के दरवार में उपस्थित होकर उसने क्रोध में आकर राजा की बेटी को शाप दे दिया। जब राजकुमारी सोलह साल की होगी तो उसका हाथ में चरखे का धागा लगेगा और वह मर जाएगी।
सभी उपस्थित लोग परी की बात सुनकर रोने लगे। राजा अपनी गलती की माफी मांगने लगा। तब परी ने में शाप वापस नही ले सकती, पर शाप को बदलते हुए कहा। वह मरेगी नहीं, बल्कि सौ साल के लिए गहरी नींद में सो जाएगी।
धीरे-धीरे राजकुमारी सोलह साल की हो गयी। राजकुमारी ने किसी स्थान पर एक बुढ़िया को चरखा चलाते हुए देखा। वह उसके पास गई और बड़ी उल्लास से उसने चरखे को छुआ, उसकी उंगली में धागा जैसे ही लगा वह गहरी नींद में सो गई।
सौ साल बाद उस महल में एक राजकुमार आया। वह गलती से उस कमरे में चला गया। जहां वह राजकुमारी सो रही थी।
राजकुमारी को सोता देख राजकुमार ने उसे जगाने के लिए जैसे ही छुआ। राजकुमारी अपने नींद से जाग गयी और उसने अपनी आंखे खोल दी। राजकुमारी के जागते ही उस राजकुमार के साथ उसकी शादी हो गयी।
सारस का बदला | Short Story For nursery Class in Hindi
एक बार की बात है। सारस और लोमड़ी बहुत धनिष्ठ दोस्त थे। एक दिन लोमड़ी ने सारस को खाने की दावत दी। लोमड़ी ने सूप बनाया था।
जब लोमड़ी का मित्र सारस उसके घर दावत के लिए आ गया तो, लोमड़ी को मजाक सूझा। डसने सूप चपटी प्लेटों में परोसा। लोमड़ी तो सूप चट कर गया पर बेचारा सारस लोमड़ी का मुंह देखता रह गया। क्योंकि सारस का चोंच लम्बा और पतला होता है। वह चपटी प्लेट से सूप नही पी पाया। उस दिन वह भूखा ही अपने घर लौट गया।
ऐसे में सारस को लोमड़ी पर बहुत गुस्सा आया पर उसने लोमड़ी को कुछ नही कहा। वह लोमड़ी से इस बात का बदला लेना चाहता था।
अगले ही दिन सारस ने लोमड़ी को भी अपने घर दावत के लिए बुलाया। चिटोरा लोमड़ी वक्त से पहले ही सारस के घर पहुंच गया। सारस के घर पहुंचा तो बहुत ही अच्छी खुशबु सारस के किचन से आ रही थी। लोमड़ी की भूख खुशबु के साथ-साथ बढ़ती जा रही थी।
सारस ने खाने को प्लेटों की जगह लम्बी गरदन वाले मटके में परोसा। सारस ने आसानी से अपना खाना खा लिया। लेकिन लोमड़ी नही खा सका। वह भूखा ही सारस के घर से वापस चला गया।
लोमड़ी सोचने लगा अगर वह सारस के साथ उस दिन मजाक नही किया होता तो, सारस भी उसके साथ ऐसा बर्ताव नही करता।
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