Short Motivational Story in Hindi for Success with Moral बहादुर नगाड़े वाला

Short Motivational Story in Hindi for Success with Moral : (बहादुर नगाड़े वाला) : एक बार किसी छोटे शहर में एक चार्ली नाम का एक बच्चा रहता था। चार्ली के माता पिता उसे बहुत प्यार करते थे।

चार्ली के पिता नगाड़े और ड्रम बजाकर बहुत सुंदर गीत गाते थे। चार्ली बचपन से ही बहुत दयालु, व्यवहारिक, खुश-मिजाज और मदद करने वाला लड़का था।

चार्ली की आवाज बहुत मधुर थी। वह भी अपने पिता के जैसे नगाड़े और ड्रम बजाकर सुंदर गीत गाया करता था। सभी लोग उसके व्यवहार और मधुर गीत के कारण उसे बहुत पसंद किया करते थे।

चार्ली की मां चाहती थी वह अपने पिता के काम को और आगे बढ़ाए। एक दिन चार्ली की मां ने उसे कहा तुम इतना सुंदर गीत गाते हो, क्यों ना तुम अपने पिता के काम में उनके साथ जाया करो।

चार्ली ने अपने मां और पापा को कहा मुझें ड्रम बजाना और गीत गाना पसंद है, यह काम मैं सिर्फ शौख से करता हूं।
मैं सैनिक बनना चाहता हूं, वर्दी पहनकर अपने देश और जनता की सेवा करना चाहता हूं।

चार्ली की बात सुनकर उसके पिता को उसमें गर्व महसूस हुआ तो मां के आंखों से आंसू निकलने लगा। उसने कहा तुम मेरे इकलौती संतान हो यदि तुम्हें कुछ हो गया तो मै कैसे जीवित रहूंगी।

मां की बात सुनकर चार्ली ने अपनी मां को समझाया अगर हर मां आपकी तरह सोचने लगेगी तो इस देश का क्या होगा? हमारे देश में पड़ोसी मुल्क राज करने लगेगे, हम जो इतनी आजादी से इस देश में रहते है हम गुलाम हो जायेंगे।

मां चार्ली की बातें सुनकर मुसकुरा दी और बोली तुम इतने बड़े कब हो गए की, मुझे मालूम ही नहीं चला। तुम सिर्फ अपनी मां नहीं बल्कि इस देश के हित की बातें सोचने लगे।

एक दिन चार्ली ने सुना कि उसके देश और पड़ोसी देश में लड़ाई हाने वाली है। राजा चाहते है कि देश के सारे नौजवान सेना में भर्ती हो जाए। यह सुन कर चार्ली की खुशी का ठीकाना नही रहा।

वह तुरंत राजा के महल गया और अपना नाम लिखवाकर, घर से विदा लेने अपने माता-पिता के पास पहुंचा। चार्ली ने अपने पिता से नगाड़े अपने साथ ले जाने के लिए पूछा, चार्ली के पिता ने उसे नगाड़े ले जाने की आज्ञा दे दी।

लड़ाई के मैदान में जीवन आसान नही है। सैनिकों को भोजन पानी के बिना खुले आकाश के नीचे सोना पड़ता है। ऐसे में चार्ली नगाड़ा बजाकर अपने सैनिकों का मन बहलाता था।

धीरे-धीरे जंग का आखिरी दिन आ पहुंचा। सूरज ना निकलने से काफी सर्दी हो रही थी। सैकड़ों सैनिक मारे जा चुके थे और बहुत से सैनिक घायल हुए थे। सैनिक का मनोवल गिरने लगा था। तभी चार्ली ने नगाड़े बजाते हुए जोर से चिल्लाया साथियों हमें हिम्मत नही हारनी चाहिए। साथियों! आगे बढ़ों और दुश्मनों का सफाया करों।

चार्ली की आवाज सुनकर लोगों में जोश आ गया, सभी सैनिक आगे बढ़ते रहे, शीघ्र ही दुश्मनों का सफाया हो गया और उनकी जीत हुई। एस दिन चार्ली सब का हीरो बन गया। सभी सैनिक चार्ली को अपना रक्षक माना।

चार्ली को उसकर टुकड़ी के नेता ने उसे अपने पास बुलाया कहा, चार्ली अगर आज तुम ना होते तो, हम यह लड़ाई हार जाते। हमारे सैनिक का मनोबल टूट चुका था। तुमने अपने साहस के बल पर सब में नया जोश भर दिया। हमें तुम पर गर्व है।

यह सब सुनकर चार्ली का सीना चैड़ा हो गया। उसे बहुत खुशी हुई कि उसका हुनर उसने देश के हित में काम आया, जो उसकी मां चाहती थी कि चार्ली नगाड़ा बजाए चार्ली ने अपनी बुध्दि से अपना और अपनी मां दोनों का अपना पूरा किया।

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