Jungle ki kahani bacchon ke liye hindi mein | बच्चों के लिए जंगल की कहानी

Jungle ki kahani bacchon ke liye hindi mein : (हाथियों की धरती) – बहुत समय पहले की बात है। अल-जहीर नाम का एक बादशाह था। एक दिन उसने अपने मंत्री रकीब को सेरिंदिब के राजा के पास बहुत सारे उपहार के साथ भेजा। उनके द्वारा भेजा उपहार सेरिंदिब के राजा को बहुत पसंद आया।

जब रकीब अपने राज्य वापस जाने लगा, तो सेरिंदिब के राजा ने भी अल-जहीर के लिए बहुत से अच्छे और अनूठे उपहार भिजवाए।

रकीब अपने कारवां के साथ अपने राज्य चल पड़ा। रकीब का कारवां अभी कुछ दूर चला ही था कि उनमें राजस्थानी लूटेरों ने हमला कर दिया। उन्होंने कारवां का सारा समान लूट लिया और कारवां के यात्रियों को अपना गुलाम बनाकर दूसरे देश में बेच दिया।

बादशाह अल-जहीर के मंत्री को एक हाथी दांत के व्यापारी को बेच दिया। कुछ दिन बाद जब हाथी दांत के व्यापारी को मालूत हुआ की रकीब धनुष, बाण चलाने में निपुण है, तो रकीब को एक जंगल में कुछ और गुलाम के साथ जाने को कहा और साथ ही यह आदेश दिया तुम रोज एक हाथी मार कर मुझे संदेश भिजवाना।

रकीब जंगल की ओर रवाना हुआ। अगले ही दिन रकीब ने एक हाथी को मार गिराया और यह देख आरे गुलाम बहुत खुश हुए।
सभी गुलाम ने एक बहुत बड़ा गड्ढ़ा खोदा और उस हाथी को वही गाड़ दिया। यह देख कर रकीब ने पूछा तुमने इस हाथी को यहां क्यों गाड़ रहे हो?

एक गुलाम ने कहा व्यापारी ने हमें आदेश दिया था। आप जब हाथी को मारे तो हमें उसे जमीन में दफनाना है। जब यह सड़ जाएगा तो इसके दांत हमें मिल जाएगे।

इस प्रकार रकीब पूरे दो महिने हाथियों को मारता रहा। एक दिन जब वह हाथियों के इंतजार में पेड़ पर बैठा था, तो हाथियों का एक झुड उसके पेड़ के पास आकर दहाड़े लगाने लगा। यह देख रकीब बुरी तरह डर गया। तभी एक हाथि ने अपनी सूंड़ से वह पेड़ उखाड़ दिया जिस पर रकीब बैठा था। रकीब नीचे जमीन पर गीर पड़ा, दूसरे हाथि ने उसे अपनी सूड़ में पकड़ कर अपनी पीठ पर बिठा लिया।

रकीब को एहसास हुआ की अब उसका अंतिम समय आ गया है। हाथि अपने साथियों की मौत का बदला अवश्य उससे लेगें।
रकीब सोच रहा था कि अब उसका बचना मुश्किल है। उसे बचपन से लेकर अब तक का अपना सारा जीवन याद आने लगा। उसे अपने राज्य और परिवार की याद सताने लगी।

वह अपने परिवार के साथ कितना सुख से जीवन बिता रहा था कि फिर उसके किस्मत ने पलटा खाया और उसे यह जीवन देखना पड़ा।

रकीब की आंखों में आंसू आ गए। उसने कभी सोचा भी नही था कि उसके जीवन का आखिरी समय ऐसा होगा। आज तो ना ही उसके परिवार का कोई सदस्य उसके पास था, ना हीवह अपने देश में था।
उसने अपने गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगी और अपने जीवन के अंत का प्रतिज्ञा करने लगा।

हाथियों का झूंड करीब को लेकर एक पर्वत पर पहुंचा और उसे वहां उतार कर वापस चला गया। करीब ने अपने चारों ओर देखा वहां हाथियों के दांत और हड्ड़ियों का ढे़र पड़ी हुई थी।

करीब ने मन ही मन सोचा लगता है यह हाथियों का कब्रगाह है शायद? हाथी मुझें यहां इसलिए लाकर छोड़ गए है क्योंकि वे नही चाहते, उनके दांत के लिए उनकी जान ना लूं।

रकीब जल्दी से शहर गया और व्यापारी को इस बारे में बताया। व्यापारी अपने सहायकों के साथ उस जगह पहुंचा। वहां उन्होंने इतना हाथी-दांत जमा कर लिया, जितना पूरे जीवन में नहीं किया था। व्यापारी ने हाथी दांत बेचकर उस धन का कुछ हिस्सा रकीब को दे दिया और उसे कारवां के साथ उसके घर वापस भेज दिया।

रकीब अपने देश पहुंचा और उसने बादशाह अल-जहीर को अपने रोमांच के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। रकीब की बात सुनकर बादशाह बहुत प्रसन्न हुआ। उसने हुक्म दिया, रकीब के रोमांचक कारनामों को सुनहरे अक्षरों में लिखकर शाही खजाने में रखा जाए।

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