Good moral stories | हिम्मत न हारिए | Very short story for kids

हमेशा से ही Hindi Story के माध्यम से बच्चो को अच्छी शिक्षा दी जाती है. आज हम Good moral stories पढ़ेंगे. जिसको पढ़ने के बाद हमारा Confidence Level बढ़ेगा और साथ ही साथ अपने बच्चे को भी प्रेरित कर सकते है. तो आइये शुरू करते हैं.

Good moral stories | हिम्मत न हारिए

एक राजा था. उसका नाम धर्मसिंह था. धर्मसिंह बहुत ही बहादुर था. उसके साहस की उपमा नहीं थी. वह इस बात का पूरा ध्यान रखता था की उसकी प्रजा प्रसन्न तो है, कोई राज- कर्मचारी को कष्ट तो नहीं देता. इस तरह वह हर किसी का ख्याल रखने की कोशिश करता था.

एक बार अचानक ही किसी दूसरे देश के राजा ने धर्मसिंह के राज्य के सीमा पर आक्रमण कर दिया. उसके वीर सैनिकों ने आक्रमणकारियों का बड़ी वीरता के साथ सामना किया, परन्तु सेना में सैनिकों की संख्या काम थी, अतः आक्रमणकारी राजा की ही विजय प्राप्त हुई. धर्मसिंह की सेना हार गई.

धर्मसिंह युद्ध तो हार तो गया मगर हिम्मत न हारी. अपनी पराजय का बदला लेने के लिए उसने पुनः सेना को संगठित किया. सैनिकों को उत्साहित किया और शत्रु पर आक्रमण कर दिया लेकिन उसका दुर्भाग्य. इस बार भी उसे पराजय का मुंह ही देखना पड़ा. इसी प्रकार उसने अनेक बार विजय प्राप्त करने का प्रयत्न किया परन्तु हार बार वह असफल रहा.

अंत में वह दिन भी आ गया कि धर्मसिंह जंगल में एक गुफा में रहने लगा.

एक दिन वह गुफा में अनमना से लेता हुआ था. दोपहर का समय था और उसे नींद आ रही थी. बीती हुई घटनाएं उसके मन-मस्तिष्क में बार-बार कौंधती रहती थी.

इसी सोच-विचार में ही उसने देखा कि दीवार पर एक चींटी चढ़ रही है. उसके मुंह में अनाज का एक दाना है.

अभी चींटी कुछ ही ऊपर चढ़ी थी कि दाना उसके मुंह से गिर गया. चींटी नीचे उतरी, अनाज का दाना पुनः उठाया और दीवार पर चढ़ना शुरू कर दिया. लेकिन छत कुछ ही दूर रह गई थी कि फिर गिर गया.

इस प्रकार दाना सोलह बार नीचे गिरा परन्तु चींटी ने हिम्मत नहीं हारी. सत्रहवीं बार वह पुनः मुंह में दाना दबाए ऊपर चढ़ने में सफल हो गई.

इस घटना को देखकर राजा धर्मसिंह के मन में पुनः उत्साह जाग गया. उसने फिर सेना संगठित की, सैनिकों को उत्साहित किया और विजयी राजा पर आक्रमण कर दिया. इस बार उसे विजयी मिली और राज्य पुनः प्राप्त कर लिया.

साथियों, इस लिए कहा गया है “मन के हारे हार है और मन के जीत. जो व्यक्ति मन से हार नहीं माने उसको दुनियां का कोई भी व्यक्ति नहीं हरा सकता है. “हिम्मत न हारिए बिसारिए न राम को”

हाथी और उनके दोस्त | Very short story for kids

एक बहुत घना जंगल था। उसमें सारे जानवर अपने-अपने झुंड में मिलकर रहा करते थे। एक दिन जंगल में बहुत आंधी तूफान आया सारे जानवर इधर-उधर हो गए।

डसी तूफान में एक हाथी का बच्चा अपने झुंड से बिछर गया। जब तूफान रूकी तो उसने अपने लोगों को बहुत ढुंढा मगर जंगल इतना धना और बहुत बड़ा था। वह किसी को नहीं ढुंढ पाया वह हताश निराश होकर एक जगह बैठ गया।

अपने परिवार को याद करने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भूख लगी। वह उठा और अपने खाने के लिए कुछ इधर-उधर ढुंढ कर खाने लगा। हाथी एक अजीब जंगल में अकेला ही अब बसने को सोच लिया। यह जंगल उसके लिए नया था, और हाथी यहां अकेला था। उसने सोचा क्यों ना कोई दोस्त बनालू।

वह जंगल के और अंदर गया तो सबसे पहले एक बंदर उसने देखा। हाथी ने बंदर को बोला, “नमस्ते, बंदर भैया ! क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहेंगे? ” बंदर ने कहा, क्या तुम मेरी तरह झूल सकते हो नहीं झूल सकते क्यूंकि तुम बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता।

उसके बाद हाथी को जंगल में एक खरगोश नजर आया तो उसके के पास गया और वही सवाल पूछा. खरगोश ने कहा, क्या तुम मेरे बिल में रह सकते हो नहीं ना, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता।

फिर हाथी को जंगल में एक तलाब दिखी हाथी ने वहां पानी जी भर पिया और तालाब के पानी में अकेला ही खुब पानी के साथ मस्ती की, जैसे ही हाथी पानी से बाहर आता है उसकी नजर मेंढक पर पड़ती है हाथी ने वही सवाल पूछा। मेंढक ने उसे जवाब दिया, मेढ़क हाथी पर हंसने लगता है। और पूंछता क्या तुम मेरे जितना ऊंची कूदने के लिए बहुत भारी हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता. अब हाथी वास्तव में उदास था क्योंकि वह बहुत कोशिशों के वाबजूद दोस्त नहीं बना सका।

हाथी उदास होकर वही तालाब के किनारे एक जगह बैठ जाता हैं। अपने दोस्त और आपने परिवार को याद करता हैं। धिरे-धिरे हाथी को अकेला रहने की आदत सी हो जाती हैं।

कुछ दिनों के बाद वह बड़ा हो जाता हैं। फिर, एक दिन उसने देखा सभी जानवरों को जंगल में इधर-उधर दौड़ भाग रहे थे, ये देखकर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि इस तरह आपलोग क्यूं भाग रहे हैं। कारण क्या हुआ है?

भालू ने कहा, जंगल का शेर शिकार पर निकला है। सभी जानवर उससे बचने के लिए भाग रहे हैं। इनते में हाथी शेर के पास गया और कहा कि कृपया इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ।

शेर ने उसका मजाक उड़ाया और हाथी को उसके सामने से हट जाने को बोला। हाथी को गुस्सा आ गया और उसने शेर को अपनी सारी ताकत लगाकर धक्का दे दिया, जिससे शेर बहुत दूर हवा में जाकर गिरा, वह घायल हो गया और वहां से भाग गया।

सभी जानवर धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर बहुत खुश हुए। वे हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है तुम हमारे दोस्त बनने के लिए बिल्कुल सही हो।

इसलिए कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। जिसका शरीर का आकार जैसा भी हो वह उसके लिए अच्छा होता है।

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