Doraemon Nobita ka Birthday : एक शहर में एक नोबिता नाम का एक लड़का रहता था। उसकी मां गृहणी थी। और उसके पिताजी सरकारी दफ्तर में काम करते थे।
नोबिता बहुत ही सीधा और शरीर से कमजोर लड़का था। उसके दोस्त अक्सर उसे सताते और स्कूल में परेशान करते थे। वह चुपचाप सब कुछ बर्दास्त करता था।
नोबिता का जन्मदिन आने वाला था। उसके बाद नोबिता पांच साल का होने वाला था। स्कूल में एक ही दोस्त थी। जो नोबिता का मजाक नही उड़ाती थी। उसका नाम सूजूका था। एक दिन नोबिता के पिताजी ने उससे पूछा कि तुम्हें अपने जन्मदिन पर क्या तौफा चाहिए।
नोबिता उदास होकर अपने पिताजी से बोला, मुझे एक दोस्त चाहिए जो मेरे साथ खेले और मेरे कमरे में भी रहे, क्यों कि स्कूल में मेरे साथ कोई नहीं खेलता सब मुझे सिर्फ रूलाते है।
नोबिता के पिताजी ने बोला तुम उदास मत हो। मैं तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारी इच्छा पूरी करने की कोशिश करूँगा । उसके बाद नोबिता की मां और पिताजी दोनों नोबिता के उपहार के बारे में सोचते है कि ऐसा क्या दें। तभी उन्हें एक विचार आता हैं कि क्यों ना उसे एक रोबाॅट गिफ्ट किया जाए।
तभी नोबिता की मां बोलती है। रोबाॅट तो बहुत महंगा होगा तो उसके पिताजी बोलते है। हमारे बेटे की खुशी से ज्यादा महंगा नहीं होगा। अगले दिन ही दफ्तर से घर जाते समय वह बाजार में रोबाॅट का दाम मालूम करने चले गए। उन्हें एक रोबोट पसंद भी आ गया मगर उसका कीमत ज्यादा नहीं ख़रीदा, फिर भी वह घर बहुत खुश होकर आते हैं।
नोबिता के लिए गिफ्ट जो पसंद कर चुके थे। नोबिता के पिताजी उसकी मां से गिफ्ट की कीमत को लेकर बातें करते रहते है। तो नोबिता की मां ने भी कुछ पैसे उसके पिताजी को देती है। जो वो घर के खर्च से आज तक बचाती आई थी।
नोबिता के पिताजी खुश हो जाते है, और बोलते है कल दफ्तर से आते हुए नोबिता की गिफ्ट ले आउगां। सुबह नोबिता स्कूल चला जाता है। उसकी मां बहुत खुश होती हैं। नोबिता की पसंद की चीजें बनाती है।
स्कूल से जब नोबिता वापस आता है। तो खाने में उसकी साभी पसंद की चीजें देखकर नोबिता मां को बोलता है। मां मेरा जन्मदिन तो कल है। पर आज आपने मेरी पसंद की राईस बौल और सभी चीजें कैसे बनादी। आप भूल तो नहीं गई ना की मेरा जन्मदिन कल है। उसकी मां बोलती है। मुझे याद है इस साल मै दो दिन तुम्हारा जन्मदिन मनाने की सोची थी ये वही है।
नोबिता खुश होकर खाना खाकर अपने कमरे मैं चला जाता है। शाम को उसके पिताजी उसके गिफ्ट के साथ घर आते हैं। और आते ही नोबिता के कमरे में उसकी मां के साथ जाते है। नोबिता स्कूल का काम कर रहा होता है। अपने मां और पिताजी को कमरे में एक साथ देखकर उससे लगता है। उसका गिफ्ट आ गया।
उसके पिताजी उस रोबाॅट को नोबिता के पास लाकर रोबाॅट को नोबिता के बारे में बताते है। रोबाॅट ने जवाब दिया मुझे तूम से मिलकर खुशीहुई नोबिता अपना नाम रोबाॅट से सुनकर वह बहुत खुश होता है। और अपने मां और पिताजी के गले से लग कर उन्हें धन्यवाद देता है।
सबसे पहले नोबिता ने उस रोबाॅट का नाम डोरेमाॅन रखता है। रोबाॅट को भी अपना नाम पसंद आता है।
नोबिता और डोरेमाॅन की अच्छी दोस्ती हो गई, नोबिता जब स्कूल चला जाता तो उसकी मां घर का सारा काम डोरेमाॅन से करवाने लगी। मां को भी घर में रोबाॅट आने से काफी आराम हो गया था।
रविवार का दिन था, डोरेमाॅन के साथ नोबिता खेल रहा था। तभी उसकी मां ने डोरेमाॅन को आवाज लगाई और किचन में बुलाया। और किचन का काम करवाने लगी। तभी नोबिता ने मां से पूछा की वह किचन का काम क्यों कर रहा हैं। कुछ गलत कर दिया तो, उसकी मां हंसते हुए बोली बेटा हम से गलती हो सकती है। पर डोरेमाॅन से नही क्यों कि यह एक रोबाॅट है।
तभी उसने मां से पूछा क्या वह मेरे स्कूल के काम मैं भी मेरी मदद कर सकता हैं जो मुझे नहीं आता मैं उससे पूछ सकता हूं तभी उसके पिताजी ने नोबिता को बोला जो तुम्हें आता हो या नहीं आता पर डोरेमाॅन को सब मालूम होता हैं।
नोबिता सभी बातें सुनकर मन नही मन मुस्कुराया और सोच लिया मां की तरह वह भी सारा काम डोरेमाॅन से करवाएगा। शाम होते ही नोबिता अपने कमरे में डोरेमाॅन के साथ चला गया। उसने पहले डोरेमाॅन का टेस्ट लेना चाहा इसे आता है। कुछ या नही जो स्कूल का काम नोबिता कर रखा था। वहीं काम उसने डोरेमाॅन को करने को कहा, डोरेमाॅन ने भी सारा काम कर तुरन्त नोबिता को दे दिया।
नोबिता डोरेमाॅन से बहुत खुश हुआ। और अगली सुबह जब वह स्कूल से वापस आया तो अपना सारा काम करने को डोरेमाॅन को दे दिया।
इसी तरह धिरे-धिरे नोबिता पढ़ाई में काफी पिछे हो गया स्कूल में जब टिचर उसे कुछ भी काम करने को देते तो वह नही कर पाता पर घर से सारा काम वह सही कर के ले जाता।
नोबिता इतना पढ़ाई में पिछे हो गया की किसी भी विषय का टेंस्ट पेपर हो उसे जिरो हि नम्बर ही आता। वह टेस्ट पेपर घर पर किसी को भी नहीं दिखाता।
एक दिन स्कूल से खूद टिचर नोबिता की शिकायत करने उसके घर आए। मां और पिताजी को नोबिता के बारे मैं बताया की पहले तो वह किसी स्कूल के किसी खेल, कूद का हिस्सा नही लेता था। तो हमें मालूम था वह शरीर से कमजोर है। पर पढ़ाई में वह ठिक था। पर पिछले कई महिनों से उसके टेंसट में माक्स जिरों आते हैं और वह टेंस्ट का पेपर भी वापस नही करता हमेशा यही कहता कभी मां से गुम हो गया तो कभी पापा से पेपर पर पानी गीर गया।
एक आपका लिखा लेटर हमें देदेता है। तभी मैं आपसे बिना बताए आपके घर आ गया। नोबिता के बारे में सारी बातें जानकर उसके मां और पिताजी को गुस्सा आया। और जब नोबिता से इस बारे में उसके पिताजी ने पूछा तो नोबिता ने बताया मां डोरेमाॅन से किचन का अपना सारा काम करवाती है।
तभी मैंने भी स्कूल का काम डोरेमाॅन से करवाना शुरू कर दिया। नोबिता इस बात को सुनकर दोनों चुप हो गए। और उन्होंने नोबिता को समझाया की अगर वह अपना काम खुद करता तो उसे टेंस्ट में जिरो नहीं मिलते और ना ही टिचर को उसकी शिकायत करनी पड़ती। नोबिता डोरेमाॅन के साथ स्कूल के काम और पढ़ाई के अलावा सारे काम मैं मदद ले सकता है। नही ंतो वह डोरेमाॅन को वापस छोड़ आएगें।
नोबिता अपने मां पिताजी से वादा करता है। आईंदा वह अपना सारा काम खूद करेगा।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा प्राप्त होती है। बच्चों को गिफ्ट कुछ भी देने से पहले सोच समझकर देना चाहिए क्योंकि बच्चें नादान होते है। उस गिफ्ट को वह किस तरह यूज करेगें और कहीं वह उससे खूद को ही नुकसान ना पहुंचा लें।
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