Chhote Bacchon ki Kahaniyan | छोटे बच्चों की कहानियां | सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी – एक बार एक किसान अपने खेत के लिए बीज लाने को बाजार जा रहा था। किसान को बाजार के जाने के रास्ते में एक जंगल से गुजराना पड़ता था। बाजार से घर लोटते समय उसे जंगल में एक घायल मुर्गी मिलती है।
किसान उस मुर्गी को अपने साथ घर ले जाता है, और उसकी खूब देख-भाल करता है। कुछ दिनों के बाद मुर्गी ठीक हो जाती है।
मुर्गी ठीक होने के बाद किसान को बोलती है अगर तुम्हें परेशानी ना हो तो क्या मैं तुम्हारे घर में ही रह सकती हूं?
किसान भी मुर्गी को अपने घर में ही रहने की इजाजत दे देता है। मुर्गी खुश होकर किसान को कहती हैं – ‘मैं तुम्हें इस उपकार के बदले सोने का एक अण्डा रोज दिया करूंगी।‘
किसान मुर्गी की बात सुनकर खुश हो गया। मुर्गी रोज एक सोने का अण्डा देती। किसान उसे बाजार में बेच देता था। थोड़े ही दिनों में किसान अमीर हो गया।
उसने एक आलीशान मकान बनवाया। इसमें वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आराम से रहने लगा।
बहुत दिनों तक इसी प्रकार चला। एक दिन किसान की पत्नी ने बोली! घर इतना सुंदर बना तो दिया है पर आपने इस मुर्गी को यहां क्यों रख रखा है?
यह पूरे घर में घुमती रहती है और पूरे घर में इसका पंख उड़ता रहता है। इसको जंगल में क्यों ना वापस छोड़ आते हो?
किसान कि पत्नी को सोने के अण्डे के बारे में कुछ भी मालूम नही था। कि मुर्गी रोज सोने का अण्डा देती है।
पत्नी की बात सुन किसान कुछ सोचने लगा। किसान के मन में लालच आया। वह मुर्गी को वापस जंगल में छोड़ना नही चाहता था। उसने सोचा यदि मैं इस मुर्गी के शरीर से एक ही दिन में सारा अण्डा निकाल दूंगा, तो मैं मालामाल हो जाऊंगा।
उसी दिन किसान ने एक बड़ा सा चाकू लिया और उस मुर्गी को चीर डाला। मुर्गी के पेट से एक भी अण्डा नहीं निकला। किसान को अपनी गलती पर बड़ा दुःख हुआ। किसान अपनी गलती पर पछताने लगा। उसकी हालत पागलों जैसी हो गई। किसान के लालच के कारण मुर्गी मर गई।
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