Moral Story in Hindi for Kids : (बाॅब की बिल्ली)- एक समय की बात है। किसी गांव में बाॅब नाम का एक अनाथ लड़का रहता था। काफी समय से वह शहर देखने के लिए इच्छुक था। एक दिन उसने अपने गांव में एक घोड़ा गाड़ी देखी।
उसने सोचा शहर जाने का यह अच्छा मौका है। बाॅबी दौड़कर घोड़गाड़ी के चालक के पास पहुंचा और बोला क्या तुम मुझें अपने साथ शहर ले चलोगें?
वह एक दयालु व्यापारी था। उसने ने भी हामी भर दी। जब बाॅब शहर पहुंचा तो वहां के रास्ते और इमारते देख कर उसे बहुत मजा आया। शहर में बाॅब का कोई नही रहता था और ना ही बाॅब को समझ में आया की वह कहां जाए।
वह थका हुआ भी था। वह उसी व्यापारी के घर के बाहर सो गया। अगली सुबह उस व्यापारी का रसोईया उसे देख कर जोर से चिल्लाया कौन हो तुम भागों यहां से?
रसोईयां की आवाज सुन कर व्यापारी अपने घर से बाहर निकला और वहां बाॅब को देख कर वह आश्चर्य रह गया। तुम कल से यही हो व्यापारी ने पूछा?
बाॅब ने बताया इस शहर में वह किसी को नही जानता। व्यापारी ने कहा प्यारे लड़के तुमने यह बात मुझें कल क्यों नही बताई। मैं तुम्हें शहर अपने साथ नही लाता। अब तुम्हें शहर में रहने के लिए कोई काम करना होगा।
व्यापारी की बात सुनकर बाॅब ने कहा आप ही मुझें कोई काम दे दों, मैं सारा काम कर सकता हूं। व्यापारी मुस्कुराया और उसे अपने रसोईयां के साथ उसका हाथ बंटाने के काम के लिए रख लिया। बाॅबी उस घर में बहुत खुश रहता था। बाॅबी को वहां सभी प्रकार की सुख सुविधा उपलिब्ध थी। उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होती थी।
उस व्यापारी की एक बेटी थी जिसका नाम ऐनी था। ऐनी जब भी घर से बाहर जाती थी तो बाॅब उसके साथ ही जाता था।
एक दिन ऐनी घुमने गयी थी तो उसका पर्स कही गिर गया था। जिसे बाॅब ने देखा तो उठा कर उसे वापस कर दिया। इससे व्यापारी बहुत खुश हुआ।
एक दिन बाॅब ने एक आवारा बिल्ली का बच्चा कहीं से खरीद घर ले आया क्योंकि घर में बहुत सारे चुहे हो गए थे। उसने सोचा बिल्ली का बच्चा घर से सारे चूहे भगा देगा। शीध्र हि बिल्ली ने सारे चूहे को घर से भगा दिया।
एक दिन व्यापारी का जहाज व्यापार करने के लिए विदेश जा रहा था। व्यापारी ने अपने सभी नौकरों को बुलाया और उनसे कहा मैं चाहता हूं तुम लोग भी अपना भाग्य आजमाओं। इससे तुम्हें मुनाफा होगा। क्या तुम लोग विदेश में बेचने के लिए कोई माल भेजना चाहते हो?
सभी नौकर के पास देने के लिए कुछ ना कुछ था पर बाॅब को देने के लिए कुछ नही था। मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नही है। मेरे पास एक बिल्ली ही है।
व्यापारी मुस्कुराया और बोला कोई बात नही तुम उस बिल्ली को ही दे दो। बाॅब ने बेमन से अपनी बिल्ली विदेश भेज दी।
कुछ महीने बाद व्यापारी का जहाज बहुत धन लेकर वापस लौटा। जहाज का कप्तान ने कहा हम जिस शहर गए थे। उस शहर में चूहे बहुत ज्यादा थे।
वहां के राजा, रानी और सारे नागरिक इस कारण बहुत परेशान थे। पर हमारी बिल्ली से उस शहर के सारे चूहे को मारे डाला। जिससे उस शहर के नागरिक और वहां के राजा-रानी ने हमें बहुत सारे घन दिए है और हमारी बिल्ली को भी अपने पास ही रख लिया।
व्यापारी ने वह धन बाॅब को दे दिया। बाॅब ने उस धन का आधा हिस्सा अपने पास रखा और आधा हिस्सा व्यापारी को दे दिया। उसके बाद बाॅब ने कहा अब वह काम नही करना चाहता वह भी स्कूल जाना चाहता है।
स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद वह भी उसके साथ व्यापार का काम करेगा। पर उसके बाद वह अपनी बिल्ली से मिलने भी जाएगा। व्यापारी बाॅबी की बात सुनकर बहुत खुश हुआ।
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