मोटिवेशनल कहानी छोटी सी | Motivational Story Chhoti Si:
मिल जुलकर रहो, खुश रहो।
एक जंगल में दो बकरे रहते थे। बकरों का नाम उनके शरीर के रंगों के अनुसार रखे गए थे। कालू और भूरा, दोनों बकरों में कट्टर दुश्मनी थी। एक दिन की बात है वे दोनों जंगल में घुमते-घुमते नदी पर बने पुल के उपर से गुजर रहे थे। काला बकरा पुल के इस छोर था, और भूरा बकरा पुल के दूसरी ओर से आ रहा था। दोनों बकरे जब पुल के बीचों-बिच पहुंचते हैं तो दोनों बकरों का आमना-सामना हुआ।
दोनों बकरें दुशमनी और अकड़ के कारण खडे़ हो गए। पुल बीच में बहुत ही पतला था, एक बार में उस पर से एक ही जानवर गुजर सकता था। दोनों में से कोई पीछे हटने को तैयार नही हुआ। अतः दोनों में लड़ाई हो गई, दोनों के सिर पर जो सींग था वह आपस में फंस गया फस गया। जिसके कारण दोनों पुल से पानी में जा गिरे और उन दोनों की मौत हो गई।
इसी जंगल में दो तरह बकरियां भी रहती थी, एक दिन वो दोनों भी इसी पुल के बीचों बीच आमने-सामने आ गई। वे दोनों समझदार और शांत मिजाजवाली थीं। दोनों का उद्धेश्य था मिलकर रहो, मिल बांटकर खाओ, मुसीबत का सामना समझदारी से करो।
जब वे बीचों बीच मिलीं तो उनमें से एक बकरी बैठ गई। दूसरी उसके ऊपर से गुजर गई। उसके बाद पहली बकरी खडी हो गई, धीरे-धीरे चलकर उसने भी पुल पार कर लिया। दोनों सही-सलामत अपने-अपने घर पहुंच गई।
सैम्सी पर्वत
बहुत समय पहले जैक्स और मैक्स नाम के दो भाई रहते थे। जैक्स गरीब और दयालू था, जबकि मैक्स अमीर तथा लालची इन्सान था। एक दिन जैक्स खाना बनाना के लिए लकड़ियां लाने जंगल गया। जंगल पहुंच कर वह लकड़ी इक्ठा कर रहा था, तो उसने अचानक घोड़े के दौड़ने की आवाज सुनाई पड़ी।
जैक्स उस आवाज के पीछे गया तो, उसने देखा जंगल के बीचों बीच लम्बे-लम्बे पेड़ों के पीछे एक बड़ा सा पर्वत है। वह उसे हैरानी से देखने लगा, तभी उसकी नजर वहां मौजूद कुछ लोगों पर पड़ी। देखने से वह लोग कोई डाकू लग रहे थे। जैक्स एक पेड़ के पीछे छिप गया और उन लोगों को चोरी-छूपे देखने लगा।
डाकूओं की भीड़ में से एक डाकू पर्वत की ओर देख कर जोर से चिल्लाया, सैम्सी पर्वत! सैम्सी पर्वत खुल जा। इतना कहना था कि अचानक बीच से पहाड़ खुला और सभी डाकू भीतर चले गए। जैक्स पेड़ों की ओट में छिपा उनका बाहर आने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद वो लोग बाहर आए और बोले सैम्सी पर्वत! सैम्सी पर्वत बंद हो जा। इतना कहते ही पहाड़ बंद हो गया और सभी डाकू इधर-उधर नजर दौड़ाने के बाद वहां से अपने-अपने घोड़े पर सवार हो कर वहां से जंगल में कहीं चले गए।
उस पहाड़ को देखकर अंदाजा नही लगाया जा सकता था कि वह बीच से खुल भी सकता होगा। जब डाकू वहां से चले गए तो, जैक्स दबे पांव उस पर्वत के पास जा कर खड़ा हो गया, उसको कुछ देर गौर से देखता रहा। अपने हाथों से उसने उस पहाड़ को पहले छूआ उसके बाद वहां टहलने लगा। इधर-उधर देखने के बाद उसने वही शब्द दोहराया। पर्वत तुरंत खुल गया, जैक्स उसके भीतर चला गया। अंदर जाते ही जैक्स सोने, चांदी और हीरे जवाहरात का खजाना देखकर हैरान रह गया।
वह सब कुछ ले जाना चाहता था, लेकिन उसने अपने दिमाग से काम लिया। जैक्स ने उतना ही सोना, चांदी लीया जीतना उसके जेब में आ सकते थे। जब वह बाहर गया तो उसी तरह पर्वत को बंद होने का आदेश दिया, सैम्सी पर्वत बंद हो गया।
जैक्स ने उस खजाने की मदद से अपने परिवार का जीवन सुखों से भर दिया। अब उसके पास भरपूर भोजन होता था। उसका घर भी पहले से बड़ा हो गया था। जैक्स गरीबों की मदद भी करने लगा था। पैसा खत्म हो जाता तो वह सैम्सी पर्वत से थोड़ा सोना-चांदी ले आता। उसने अपनी जरूरतों से ज्यादा सोना वहां से कभी नहीं उठाया।
मैक्स अपने भाई के जीवन में आने वाले इस बदलाव को देखकर बैचेन हो गया, वह नहीं चाहता था कि जैक्स कभी उसके इतना पैसा वाला बने या उसके परिवार का जीवन में सुखी हो, जैक्स के खुशी जीवन को सुनकर वह बहुत दुःखी हुआ। वह जानना चाहता था कि उसके भाई को इतना धन कहां से मिल रहा है।
एक दिन उसने जैक्स का रहस्य जानने का फैसला किया तो मैक्स एक पूरे दिन जैक्स का पीछा करता रहा। वह कहां जाता है किस-किस से मिलता है तो उसने देखा वह जंगल में एक पहाड़ के अंदर गया तो वह भी पीछे-पीछे चला गया। मैक्स ने देखा जैक्स अपने जेब में कुछ धन रख रहा है तभी मैक्स जंगल से वापस अपने घर आ गया, और जैैक्स की बेवकूफी पर हंसने लगा इतना सारा धन था और वह बेवकूफ जेब में उठा कर लाता हैं।
अगले दिन मैक्स भी उस जंगल में अपनी गाड़ी ले गया और वही शब्द दोहराए। जब वह सैम्सी पर्वत खुली तो उसने उसमें धन रखना शुरू किया। मैक्स ने सारा सोना एक ही बार में अपने साथ ले जाने को सोचा, ताकि अब उसके भाई को उस खजाने से कुछ ना मिल सके। अपने साथ लाए बोरों में सोना चांदी आदि भरने लगा। इस तरह कई घंटे बीत गए और मैक्स को समय का पता ही नही चला। जब वह सारा खजाना अपनी बोरी में भर कर घर जाने की तैयारी कर रहा था तभी उसे बाहर से कुछ आवाज सुनाई दी।
वह झट से एक बोरे के पीछे छिप गया। कुछ लोगों की भीतर आने की आहट सुनाई दी। डाकू लूट का माल वहां रखने आए थे। जब वह अंदर आए तो अपने सोने चांदी को बोरे में भरा देखे तो सारा मामला समझ में आ गया। डाकूओं ने गुफा में खोजबीन किया तो मैक्स तुरंत पकड़ा गया, डाकू इतने गुस्से में थे कि उन्होेंने मैक्स से बिना कुछ पूछे ही, उसे उसी समय जान से मार डाला। लालची मैक्स को अपनी लालच का फल मिल गया था।
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